पटना।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठन के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत 26 नवम्बर से 28 नवम्बर तक 72 घंटे का पटना में आयोजित किसानों और मजदूरों का महापड़ाव सफल रहा। उन्होंने बताया कि महापड़ाव में हजारों किसानों और मजदूरों ने भाग लिया। महापड़ाव को सफल बनाने में एटक और बिहार राज्य किसान सभा की महती भूमिका रही। साथ ऊपटना सहित देश के सभी राज्यों में आयोजित महापड़ाव में उमड़े जन सैलाब ने केंद्र की सत्ता से भाजपा सरकार की विदाई तय कर दिया है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि किसानों के साथ केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी तथा किसानों के लंबित एवं ज्वलंत मांगों एवं ट्रेड यूनियन के 21 सूत्री मांगों को लेकर यह महापड़ाव आयोजित किया गया था। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी, लेकिन किसानों की आमदनी तो दोगुनी नहीं हीं हो पायी। परंतु कृषि की लागत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से किसानों के उपज का समर्थन मूल्य देने की गारंटी तथा सस्ते दरों पर किसानों को खाद बीज और कीटनाशक दवा उपलब्ध कराने की मांग करते हुए मोदी सरकार द्वारा कारपोरेट लूट को बेरोकटोक जारी रखने और देश के ऊपर थोपे जा रहे विघटनकारी सांप्रदायिक नीतियां और मोदी राज द्वारा पैदा की गई चरम महंगाई,बेकारी के खिलाफ 72 घंटे तक लगातार किसानों के लंबित एवं ज्वलंत सवालों तथा ट्रेड यूनियन के 21 सूत्री मांगों को लेकर किसान मजदूर महापड़ाव पर डटे रहे।
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