समस्तीपुर। बिहार के किसान अगस्त के महीने में अपने खेतों में वैज्ञानिक तकनीक से गाजर,शलजम, फुलगोबी,पालक और धनिया लगाकर बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। स्थानीय बाजारों में गाजर,शलजम,फुलगोबी,पालक और धनिया का भाव भी लगभग सालों भर किसानों को अच्छा ही मिलता हैं।इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए लाभकारी हैं। ये जानकारी डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के हेड सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ आरके तिवारी ने दी है।
गाजर-
किसान अगस्त के शुरुआती दिनों में ही गाजर की बुआई अपने खेतों में कर सकते हैं।गाजर में कई तरह के पोषक तत्व पाएं जाते है जो मानव शरीर के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि गाजर की खेती में किसी विशेष तरह की परेशानी किसानों को नही उठानी पड़ती हैं।
शलजम-
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि शलजम की फसल को सभी प्रकार के भूमि में उगाया जा सकता है। किसान शलजम की बुआई करते समय यह ध्यान रखें कि उनके खेतों में जल निकासी की व्यवस्था काफी अच्छी से की गई हो।
फूलगोभी-
फुलगोबी की खेती भी अपने यहां लगभग पूरे साल की जाती है। यह भारत की प्रमुख सब्जियों में से एक है।फूलगोबी का प्रयोग सब्जी,सूप और आचार के रूप में किया जाता हैं। हालांकि इसकी खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु काफी उपयुक्त होती है।किसानों को फूलगोबी की फसल पर थोड़ा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं।
पालक-
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि हरी सब्जियों में पालक का एक विशेष स्थान है। देश के लगभग सभी भागों में रबी, खरीफ और जायद यानी तीनों सीजन में इसकी खेती बड़े स्तर पर की जाती है। खासकर बरसात के मौसम में पालक का उत्पादन काफी अच्छा होता है। पालक का सेवन मानव शरीर के लिए अत्यंत ही लाभकारी हैं।
धनिया-
उन्होंने बताया कि धनिया एक बहुउपयोगी मसाला फसल है। इसको किसान पत्ता के रूप में तथा दाना यानी मसाला के रूप में दोनों तरह से बेच सकते है।इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।धनिया के हरी पत्तियों का इस्तेमाल लगभग सभी तरह के सब्जियों में किया जाता है। इसे किसान अन्य फसलों के साथ भी आसानी से उगा सकते हैं।
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